Sunday, March 16, 2014

होली की शुभकामनाएं



रंग भी जरूरी हैं जीवन में
बदरंग हो गयी दुनिया  नफरत के रंग से।

आओ संवार ले इसे हम मोहब्बत के रंग से।।

जिन होंठों पर दर्द टिका  मुसकान भरे हम।

हम ऐसा करें जतन कि सबके दूरे होएं गम।।

देखो बसंत आया अब कली-कली मुसकायी।

बूढ़ों में छायी मस्ती यहां बहक रही तरुणाई।।

भौंरे कलियों पर मंडरायें, करते हैं अठखेली।

भींगी चूनर संभाल रही कोई नार अलबेली।।

गांव-नगर में मचा हुआ है आज बड़ा हुड़ंदंग।

नस-नस में सिहरन है, थिरक रहा हर अंग।।

लोकलाज के बंधन टूटे, मुक्त हुए मन प्राण।

बूढ़े-बच्चे में भेद नहीं, सबमें खुशी समान।।

कहीं डफ की तान पर झूम रहे हैं जन सारे।

कोई भंग की तरंग में तोड़ रहा बंधन सारे।।

लोग-लुगाई प्यार में डूबे, करते है बरजोरी।

मस्ती में सुध-बुध भूले छोरा हो या छोरी।।

ये मधुर रंग भारत के हैं इसकी  पहचान।

ये त्योहार अनोखे हैं खुशिय़ों की जान।।

माथे पर आंके सादर इक गुलाल का टीका।

इस मौसम में खाली माथा, लगता है फीका।।

मस्ती का पर्व खुशियां भर लें तन-मन में।

रंगों से न डरें, रंग भी जरूरी हैं जीवन में।।




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