tag:blogger.com,1999:blog-6761642878466101809.post5089023486000065736..comments2024-01-19T20:40:17.250+05:30Comments on Kalam Ka Sipahi /a blog by Rajesh Tripathi : अश्कों के फूल चुन के संवारी है जिंदगीRajesh Tripathihttp://www.blogger.com/profile/17779862782096313498noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6761642878466101809.post-69784497142092845252009-09-30T19:34:19.039+05:302009-09-30T19:34:19.039+05:30आहत हुईं भलाइयां, सतता हुई दफन।
युग आ गया फरेब का,...आहत हुईं भलाइयां, सतता हुई दफन।<br />युग आ गया फरेब का, क्या करें जतन।।<br />ऐसे बुरे हालात की मारी है जिंदगी (अश्कों के फूल ...)<br />चेहरे पे जहां चेहरा लगाये है आदमी।<br />ईमानो-वफा बेच कर खाये है आदमी।।<br />हर सिम्त नफरतों के खंजर तने जहां।<br />कैसे वजूद अपना बचायेगा आदमी।।<br />जीवन की धूपछांव से हारी है जिंदगी (अश्को<br />त्रिपाठी जी बहुत लाजवाब रचना है बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6761642878466101809.post-43656563929913545602009-09-30T19:27:14.606+05:302009-09-30T19:27:14.606+05:30न किस तरह से गुजारी है जिंदगी।
अश्कों के फूल चुन क...न किस तरह से गुजारी है जिंदगी।<br />अश्कों के फूल चुन के संवारी है जिंदगी।।<br /><br />बहुत सुन्दर उम्दा राजेश जी बधाई.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com