'तुम मुझे खून दो मैं दूंगा तुमको आजादी।'
यह कह कर अंग्रेजों की थी नींद
उड़ा दी।।
आजाद हिंद के सर्जक थे महान
सेनानी।
अमर रहेगी हमेशा उनकी शौर्य
कहानी।।
भारत मां के लाल साहसी थे वीर
सुभाष।
सदियों तक अमिट रहेगा उनका
इतिहास।।
वे होते तो देश का ना होता ऐसा
हाल।
कभी-कभी ही आते हैं नेताजी से
लाल।।
आज जयंती पर हम करते उन्हें
प्रणाम।
वे पीडि़त थे लख भारत को बना
गुलाम।।
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन नेताजी की ११७ वीं जयंती - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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