निजामे हिंद को
मोदी जो मिल गया
इक शख्श फर्श से यों अर्श तक है
तन गया।
सूरमा थे जितने अर्श के बौना वो
कर गया।।
कीचड़ जहां दुश्मनों की तरफ से
उछाले गये।
वो सभी उसके लिए बन कमल हैं खिल
गये।।
हिंद को अब शासक नहीं सेवक है
मिल गया।
ताब जिसकी देख हर दुश्मन है हिल गया।।
मुद्दत के बाद इक सच्चा रहबर है
मिल गया।
निजामे हिंद को आला मोदी जो मिल
गया।।
माना कि राह में कांटे हैं, दुश्वारियां भी हैं।
कच्चा नहीं खिलाड़ी, इधऱ
तैयारियां भी हैं।।
कारवां--ए- तरक्की फिर से रवां दवां होगा।
जुल्मो-सितम का आलम, हिंद से हवा
होगा।।
सब यही सोचते हैं कि, अब क्या,
कैसा होगा।
बदतर नहीं, अब जो भी होगा बेहतर
होगा।।
आओ खैरमकदम करें उनके अब आने का।
अब तो खत्म हो दौर, गम के फसाने
का।।
युग नया जो लाया है,उसे यह एहसास
है।
उस पर अवामे हिंद ने किया
विश्वास है।।
वह उनकी उम्मीदों को नयी जान देगा।
यकीं हैं हिंद को आला पहचान भी
देगा।।
इंसां है इरादों का अटल, कर
दिखायेगा।
लगता है देश में वो रामराज्य
लायेगा।।
अब न जाति-भेद से कोई उदास होगा।
हर सिम्त अब तो बस विकास होगा।।
-राजेश त्रिपाठी
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