राजेश त्रिपाठी
अपने लिए कभी ना सोचा देश
के हित दे दी जिंदगानी।
सुनो सुनो ऐ दुनिया वालो
एपीजे की अमर कहानी ।।
एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन
से था सपना।
देश हित कुछ कर जायें ऐसे
उठे कदम अपना।।
पुश्तैनी पेशे
को छोड़ा जोड़ा शिक्षा से नाता।
बढ़ते कदम देख बेटे के खुश हो
गये पिता-माता।।
बचपन से ही बड़े सपने की
शुरू हो गयी थी ये कहानी।
सुनो सुनो ऐ दुनिया वालो
एपीजे की अमर कहानी ।।
डीआरडीओ में रह कर काम किया
था खास।
मिसाइल, परमाणु क्षेत्र में
रचा एक इतिहास।।
भारत की शक्ति बढ़ायी और बढ़ाया मान ।
सुविधा मिले स्वास्थ्य की, घर-घर पहुंचे ज्ञान।।
वह अवश्य कर दिखलाया, मन में जो थी ठानी।
सुनो सुनो ऐ दुनिया वालो
एपीजे की अमर कहानी ।।
इक-इक पल उनका रहा ज्ञान के
नाम।
अमर रखेगा उनको, उनका हर इक
काम।।
इक-इक शब्द प्रेरणा देता, भरता है उत्साह।
यही सिखाया लगन अगर हो आसां होगी राह।।
जाति-धर्म से ऊपर उठ कर जो
था सच्चा हिंदुस्तानी।
सुनो सुनो ऐ दुनिया वालो
एपीजे की अमर कहानी ।।
शिक्षा और विकास का कोई
नहीं विकल्प।
हर दिल में चाहिए आगे बढ़ने का संकल्प।।
थे एकाकी पर छोड़ गये बड़ा
एक परिवार।
उनको खोकर देश ये पूरा रोया
जार-जार।।
अब उनको ‘थे’ लिखने पर दुख है आता आंखों में पानी।
सुनो सुनो ऐ दुनिया वालो
एपीजे की अमर कहानी ।।
विजन 2020 दिया देश को ताकि
ये बने महान।
विश्व भर में नाम हो हर इक
करे गुणगान ।।
भारत को आगे ले जाने का देख
रहे थे सपना।
वह अवश्य पूरा हो अब यही
ध्येय हो अपना ।।
उनके सपने साकार हों
चहुंदिश विकास को मिले रवानी ।
सुनो सुनो ऐ दुनिया
वालो एपीजे की अमर कहानी ।।
कलाम से सपूत को खोकर रोयी
भारतमाता ।
ऐसा योग्य पुत्र धरा पर
सदियों में है आता।।
चांद-सितारे हैं जब
तक अमर रहेगा नाम।
बच्चे-बूढ़े सबके प्यारे
अंतिम तुम्हें सलाम ।।
वो मिसाइल मैन हमारा, अनुपम
जिसकी जिंदगानी।।
सुनो सुनो ऐ दुनिया वालो
एपीजे की अमर कहानी ।।
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