पूरी दुनिया गाती अब तक जिसकी शौर्य कहानी
राजेश त्रिपाठी
नहीं झुके
हैं नहीं झुकेंगे हम वीर
बलिदानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी।।
वीर शहीदों के बलिदानों से हमने पायी थी आजादी।
दिल बोझिल है, आंखें नम, देश की लख बरबादी।।
केसर क्यारी सिसक रही धधक रहा कश्मीर
है।
भू-स्वर्ग दोजख बन बैठा सही ना जाती पीर है।।
बच्चों के हाथों में पत्थर, लख होती हैरानी।
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी।
भेज रहा आतंक की
खेपें, ऐसा है शैतान।
पाक तो जैसे खो चुका है धर्म और ईमान।।
देश-विरुद्ध देश के बच्चों को जो बहकाये।
‘ कश्मीर चाहे आजादी’ हरदम बांग लगाये।।
कश्मीरियों के लिए बहाता आंख से नकली पानी।
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तनी ।।
भूल रहा शैतान इसने हमसे युद्ध में मुंह की खाई है।
अपना हर जवान भगत सिंह, हर बाला लक्ष्मीबाई है।।
घर-घर में अब्दुल हमीद हैं, जर्रे-जर्रे
में बतरा हैं।
मातृभूमि हित लुटा सकते खून का कतरा कतरा हैं।।
भारत के हित कुरबान कर चुके अपनी जो जवानी।
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी।।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक अपना भारत एक है।
हिंदू, मुसलिम, सिख,ईसाई इसके सारे बंदे नेक है।।
सबके मन में भारत है दिल में इनके तिरंगा है।
सब धर्मों को देता आदर मेरा भारत सतरंगा है।।
कुचल डालिए इसे छेड़ने की हर इक कारस्तानी।
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी।।
जहां हुए तुलसी, कबीर, जायसी औ रहीम रसखान।
गंगा-जमनी तहजीब जहां , मेरी जान ये हिंदुस्तान।।
बच्चा-बच्चा वीर है
इसका घर-घर में आजाद हैं।
इसीलिए ये देश हमारा, देखो शाद और आबाद है।।
पूरी दुनिया गाती अब तक जिसकी शौर्य कहानी।
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी।।
आओ इस पुनीत दिवस पर हम कसम ये खायें।
हिमालय से तन जायेंगे गर देश पर आयें बाधाएं।।
अपना पल-पल ऋणी है इसका ये अपना आधार है।
यह है तो हम है
इससे हम सबको बेहद प्यार है।।
जो भी हमसे टकरायेगा उसको पड़ेगी मुंह की खानी।
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी ।।
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