Monday, March 16, 2009

आसाराम बापू! जबान संभाल के




साधु-संतों को शुचिता , विचारों की पवित्रता और शालीनता का प्रतीक और पर्याय माना जाता है। वर्षों से भारत के संत स्वदेश और विदेश में अपने इन्हीं गुणों के चलते समादृत और पूजित होते रहे हैं। लाखों लोग उनकी पावन वाणी से अपना अंतस ज्योतित और पवित्र करते हैं। भौतिक सुखों की अंधी आपाधापी से ऊबे- घुटते लोगों को उनकी वाणी में आशा की किरण नजर आती है। संत हमारे आदर्श होते हैं और हमें सन्मार्ग पर चलने को प्रेरित करते हैं। लेकिन होली की मस्ती में सूरत में एक संत की वाणी से जो कुछ भी निकला वह किसी भी तरह से स्तुत्य या प्रशंसनीय नहीं है। यह तो उस संत की वाणी और विचारों की शुचिता पर ही प्रश्नचिह्न लगाता है। मेरा आशय संत आसाराम बापू से है जिनकी बहकी हुई वाणी की बानगी `स्टार न्यूज' चैनल ने 15 मार्च के प्रसारण में पेश की। उनका यह बहकना वीडियो क्लिपिंग्स में कैद है इसलिए वे इससे मुकर भी नहीं सकते। आडियो होता तो उसे गढा हुआ या मिमिक्री कहा जा सकता था। लेकिन यहां तो साक्षात आसाराम स्वयं अपने श्रीमुख से सब कुछ कहते हुए नजर आते हैं। इसमें उनका जो रूप दिखा और जो वाणी सुनाई दी उससे मेरे जैसे सांधु-संतों पर आस्था रखने वाले व्यक्ति को न सिर्फ आघात लगा अपितु वर्षों की अटूट आस्था भी खंडित होने लगी है। किसी संत के मुंह से ऐसी फूहड़ वाणी या ऐसे हावभाव की तो कल्पना ही नहीं की जा सकती। अब उस घटना पर आते हैं जिसने आसाराम बापु के साथ जुड़े संत शब्द को अपवित्र किया है और उसमें प्रश्नचिह्न लगाये हैं। सूरत में आसाराम बापू के आश्रम का दृश्य। हजारों भक्तों की भीड़ जुटी है जो होली के अवसर पर बापू का आशीष लेने और उनसे होली खेलने आये हैं। बापू का दर्शन सभी भक्तों को हो सके इसलिए उनके बीच में बने एक मंच के घूमते हुए सोफ पर बापू आसीन हैं। अचानक मंच पर उनका एक ब्रिटिश शिष्य जेम्स अपनी मां अनीता के साथ आता है। उसने जो हिंदी सीखती है उसमें बापू के प्रति अपनी श्रद्धा और अनुभव बताता है। वह कहता है कि बापू उसके लिए भगवान हैं। बापू उससे फिर पूछते हैं -`बापू तेरा क्या है?' जेम्स बोलता है -`बापू मेरा पापा है। बापू बगवान (भगवान) है। ' अब बापू उससे कहते हैं कि वह अपने साथ आयी अपनी मम्मी से हिंदी में कुछ कहने को कहे। जेम्स माइक मां की ओर बढ़ा देता है। उसकी मां हिंदी तो नहीं बोल पाती पर अंग्रेजी में कहती है कि उसने 2007 में बापू से ग्वालियर में दीक्षा ली थी। वह अपना नाम अनीता बताती है और कहती है कि जब बापू उसे जेम्स की मम्मी कहते हैं तो अब वह जेम्स की मम्मी ही कहलाना पसंद करेगी।
यहां तक तो ठीक था पर उसके बाद होली की मस्ती में इस संत ने जो कर डाला वह उन्हें कदापि नहीं करना चाहिए था। अपनी शुचिता, शालीनता और वाणी की पवित्रता को उन्होंने ताक पर रख दिया और फूहड़पन और छिछोरी पर उतर आये। उन्होंने जेम्स से कहा-` और क्या कहती है तेरी मम्मी। उससे कहो, वह कहे -बाबा आई लव यू, बाबा यू आर वेरी हाट।' भक्ति भाव में डूबी अनीता सहजता से दोहराती है-` बाबा आई लव यू, बाबा यू आर वेरी हाट।' इस पर प्रफुल्लित आसाराम झूम और नाच उठते हैं। एक अद्भुत सुखानुभूति से चमक उठता है उनका चेहरा और वे कहते हैं-` बाबा ने मार दिया छक्का।' अपने अनुयायियों से कहते हैं-` बजाओ से भजन।' और खुद गाने लगते हैं -`जोगी हम तो लुट गये तेरे प्यार में...' (जहां तक मुझे पता है यह मनोज कुमार अभिनीत फिल्म ` शहीद' का गीत है, भजन नहीं। बाबा को पता हो तो बतायें कि यह सूरदास का लिखा भजन है या मीरा का और किसी महिला से अपने को `हाट' कहलवा कर इसे गाने का क्या अभिप्राय है।) उनके इस छिछोरेपन पर भी उनकी अंधास्था में डूबे भक्त झूम उठते हैं। उनकी यह प्रतिक्रिया उनके बौद्धिक दिवालियेपन का परिचायक नहीं तो और क्या है। जो सामान्य सी भी अंग्रेजी समझते हैं,वह समझ सकते हैं कि बापू का किसी महिला से खुद को `हाट' कहलवाना न तो गीता का श्लोक है और न किसी संत का भजन । यह अगर कुछ है तो वाणी और विचारों की विकृति और एक `संत' का अशालीन आचरण। आखिर वह विदेशी महिला जो आध्यात्म के आकर्षण से भारत खिंची चली आयी है, उसे जब कभी संत की मंशा और उसकी वाणी के गूढ़ार्थ का पता चलेगा तो उसके मन में भारत के संतों का कौन-सा स्वरूप उभरेगा। बापू अपनी नहीं तो कम से कम उस संत शब्द की गरिमा-महिमा का ख्याल किया होता जो आपने अपने साथ जोड़ा है। यह सब सुन कर तो हम तो यही कहेंगे-बापू! जबान संभाल के।आपको इस बात का एहसास कि संतों को लोग आदर्श मानते हैं उनकी वाणी में शुचिता न रही तो फिर किससे आशा की जायेगी। अब शायद आप भी यह मानेंगे कि आपको इतना नहीं बहकना चाहिए था। यों तो आप अपने प्रवचनों में मनोविनोद करते रहते हैं, ठीक है वह लोगों को भाता है लेकिन ऐसे में जब आप पर विवादों के साये हों आपको किसी भी तरह के ऐसे कार्य से बचना चाहिए जो आपके खिलाफ जाता हो। संभव है मेरा लिखा आपको अप्रिय और खराब लगे लेकिन क्षमा करें मेरा आपको आघात पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं है। जिससे अपार श्रद्धा होती है उससे शिकायत का भी अधिकार होता है उसी अधिकार से लिखा है। यह अन्यथा और अप्रीतिकर लगे तो क्षमा प्रार्थी हूं। आपके तमाम अनुयायियों से भी मैं क्षमा प्रार्थी हूं और यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आपके ऐसे स्वरूप की हमने स्वप्न में भी कल्पना नहीं की थी। आपके अनुयायियों से भी यही कहना है कि शायद उन्हें भी अपने पितृतुल्य गुरु से किसी महिला से अपने लिए `हाट' या आई लव यू, कहलवाना उचित और अच्छा नहीं लगा होगा। इन अनुयायियों से नम्र निवेदन कि वे बाबा को एहसास दिलायें कि वे अपने विचारों और वाणी में संयम लायें। मैं संत आसाराम बापू की शुचिता, गरिमा, महिमा को मानता रहा हूं, मैं उन्हें भारत की संत परंपरा के गौरव के रूप में देखना चाहता हूं ऐसे में उनसे मेरा यह अपेक्षा करना अनुचित तो नहीं कि वे ऐसा कुछ न करें जो उनकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाये। शायद उनके चाहने वाले भी यह मानेंगे कि ऐसे कृत्य उनकी महिमा को म्लान और गरिमा को क्षीण करते हैं। जानता हूं मेरे इसे लिखे पर गालियां और शायद तालियां भी मिलेंगी., दोनों का स्वागत है। कम से कम पता तो चले कौन कहां खड़ा है। कौन किस विचार और भावना का पोषक है। -बंजारा

7 comments:

  1. bahut khoob baba,
    is ghatana ke bare men main nahin janta tha, aapke blog se poori khabar mil gayi.
    aapka blog to bahut samridh hai baba.
    - vinay bihari singh

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  2. राजेश भाई
    आपका ब्लाग पढ़ कर बहुत अच्छा लगा। आशाराम बापू के बारे में पढ़ कर बहुत आश्चर्य हुआ। दिखाऊ साधु- संतों के भ्रष्ट होने की बात एक बार फिर सामने आ गई। मैं इस घटना को नहीं जानता था। आपका ब्लाग पढ़ कर जानकारी मिली। इसके लिए आपका आभारी हूं। इन संतों से तो हम गृहस्थ लोग ही अच्छे हैं। ये तो साधु भी बनते हैं और भोग के लिए मरे जाते हैं। आप ब्लाग पर ऐसे ही धमाके करते रहिए।
    - विनय बिहारी सिंह

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  3. Sahi Disha men uthi ek Awaj...swagat hai !!
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    गणेश शंकर ‘विद्यार्थी‘ की पुण्य तिथि पर मेरा आलेख ''शब्द सृजन की ओर'' पर पढें - गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का अद्भुत ‘प्रताप’ , और अपनी राय से अवगत कराएँ !!

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  4. jinki akho me dhul hai . ve nirdhosh narayan me bhi dhosh dekhate hai. asaramji bapu ke bhaya vayhar se hi aap galat nirnay mat karo.

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  5. Tum sab murkh ho kuch bhi nahi jante ush din k ghatna k bare me star news ne aadi video dikhayi sabiko samjhe.

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  6. तो पुरी video कहां है, वो है भी या नही

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  7. तो पुरी कहां है ?

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