आप पूजा या मंगल कार्यों में दीपक तो जलाते होंगे लेकिन आपको पता है कि अगर दीपक को गलत दिशा में रखा गया या उसकी लौ गलत दिशा में हुई तो हानि भी हो सकती है।दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है। दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर कभी नहीं रखनी चाहिए इससे दुख बढ़ता है। दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धन लाभ होता है। दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न रखें, ऐसा करने से जन या धनहानि होती है
पूजा करते समय घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर जलाना चाहिए, तेल के दीपक को अपने दाएं हाथ की ओर रखना चाहिए।
दीपक जलाते वक्त कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए और क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए। सबसे आवश्यक बात यह है कि खंडित दीपक कभी ना जलायें। पूजा में खंडित वस्तु का प्रयोग अशुभ माना जाता है। देवी-देवताओं की पूजा में दीपक जलाने का विशेष महत्व है। जिन्हें पूजा का विधि-विधान नहीं आता वे शुद्ध अंतकरण से स्वच्छता और पवित्रता के साथ भगवान के सामने दीपक भर जलाकर रख दें तो इससे ही उनकी पूजा या संध्या वंदन हो जाता है। दीपक की आरती के बाद ही पूजा कार्य पूर्ण होते हैं। दीपक तैयार करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए
दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए। शुभम् करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्। शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।।
इसका अर्थ यह है कि शुभ और कल्याण करने वाली, आरोग्य और धन संपदा देने वाली, शत्रु बुद्धि का विनाश करने वाली दीपक की ज्योति को हम प्रणाम करते हैं।
ध्यान रखना चाहिए कि पूजा के बीच में दीपक न बुझे। ऐसा होने पर पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाता है।
भगवान की प्रतिमा के ठीक सामने दीपक रखना चाहिए। कभी प्रतिमा के पीछे या इधर-उधर दीपक नहीं रखना चाहिए।
घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती शुभ मानी जाती है और तेल के दीपक के लिए लाल धागे की बत्ती श्रेष्ठ बताई गई है।
अलग-अलग पूजा व अनुष्ठान के लिए अलग-अलग तरह के दीपक जलाये जाते हैं।
* साधना या सिद्धि के लिए आटे का दीपक बनाया जाता है।
*आर्थिक तंगी से मुक्ति के लिए रोजाना घर के पूजा के स्थान में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
* शत्रुओं से रक्षा के लिए भैरवजी की मूर्ति के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए भी सरसों का दीपक जलाते हैं।
* शनि आपदा से मुक्ति लिए तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
* राहु और केतु ग्रहों की दशा को शांत करने के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
* हनुमान जी की पूजा के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
* गणेश भगवान की कृपा पाने के लिए रोजाना तीन बत्तियों वाला घी का दीपक जलाना चाहिए।
*मामला, मुकदमा में विजय के लिए भगवान के आगे पंचमुखी दीपक जलाना चाहिए। इससे कार्तिकेय भगवान प्रसन्न होते हैं।
* लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उनके सामने सात मुख वाला दीपक जलाना चाहिए।
* आठ या बारह मुख वाला सरसों के तेल या घी का दीपक शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए जलाना चाहिए।
* विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए रोजाना सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए।
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