शांति, अहिंसा का जो पुजारी, जीवन ऐसा जैसे फकीर।
सत्याग्रह से बदल के रख दी जिसने भारत की तकदीऱ।।
हमे दिलायी उसने आजादी, हम भूल गये उसके आदर्श।
रामराज्य का सपना टूटा, जिससे रो रहा है भारतवर्ष ।
आज उन्हें जन्मदिवस पर करते हैं शत बार प्रणाम।
जिनके कंठ से गूंजा था रघुपति राघव राजा राम़।।
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