आकर करो दुष्ट संहार
दुर्गति नाशिनी जय मां दुर्गे, चंड-मुंड विनाशिनी माता।
खड्ग त्रिशूल धारिणी हो तुम, सिंहवाहिनी हे जग त्राता।।
तुमने एक महिषासुर मारा, देवों को दिया अभय वरदान।
महिषासुर हैं आज अनेकों, मां उन्हें मार कीजै कल्याण।।
भारत के वासी पीड़ित हैं, ललनाओं पर है संकट छाया।
उनका शील लूट रहे हैं, महिषासुर धर मानव की काया।।
हे मां एक बार फिर आओ, हरने धरती का अब भार ।
घर-घर में कोहराम मचा है, आकर करो दुष्ट संहार ।।
हे मां एक बार फिर आओ, हरने धरती का अब भार ।
घर-घर में कोहराम मचा है, आकर करो दुष्ट संहार ।।
-राजेश त्रिपाठी
जय माता दी
ReplyDeleteमहिषासुर हैं आज अनेकों, मां उन्हें मार कीजै कल्याण।।
ReplyDelete..सच एक महिषासुर हो तो कोई भी मार भगाता उसे लेकिन आज इनकी कोई कमी ऐसे में माँ से शक्ति प्राप्त करना जरुरी हैं ..
बहुत बढ़िया प्रस्तुति
जय माँ भवानी