- ह्यूस्टन के मेगा शो में मोदी की कूटनीति का रहा जलवा
- दुनिया ने देखी भारत की धमक
- मोदी ने नाम लिये बगैर पाकिस्तान को चेताया
- ट्रंप ने लिया इस्लामिक आतंकवाद से लड़ने का संकल्प
- भारत के साथ आतंकवाद से लड़ने का किया वादा
- मोदी के अनुरोध पर ट्रंप ने लगाया स्टेडियम का चक्कर
राजेश त्रिपाठी
22 दिसंबर के दिन
ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में हाउडी मोदी कार्यक्रम ने एक ऐसा इतिहास रच दिया
जो शायद अब तक का ऐसा सबसे कामयाब और यादगार कार्यक्रम बन गया। यह कार्यक्रम तो
अमेरिका में रहनेवाले भारतीयों ने अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
स्वागत में आयोजित किया था लेकिन इसमें अमेरिका जैसे सुपरपावर के राष्ट्रपति उपस्थिति चार
चांद लगा गयी। यह पहला ऐसा कार्यक्रम था जो भारतीयों द्वारा अपने प्रधानमंत्री के
स्वागत में आयोजित था और जिसमें अमेरिका
के राष्ट्रपति भी शामिल हुए। याद नहीं आता इससे पहले किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री
के स्वागत में इतना बड़ा कार्यक्रम अमेरिका में आयोजित हुआ हो और उसमें वहां के
राष्ट्रपति ने भी भाग लिया हो।
कार्यक्रम की शुरुआत रंगारंग कार्यक्रम से
हुई जिसमें भारतीय कलाओं के विविध रंग मंच पर जीवंत हो उठे। उसके बाद नरेंद्र मोदी
और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आगमन हुआ। दोनों एक-दूसरे से जिस गर्मजोशी से मिले
वह अतुलनीय है। इसके बाद मोदी जी ने अंग्रेजी में ट्रंप का शानदार परिचय दिया और
उनसे अनुरोध किया कि वे वहां उपस्थित प्रवासी भारतीयों की विशाल संख्या को संबोधित
करें।
ट्रंप ने उनका अनुरोध स्वीकार करते हुए पहले
तो स्थानीय समस्याओं से निपटने में अपने प्रशासन की भूमिका का उल्लेख किया। उसके
बाद भारत-अमरीका के मजबूत और सौहार्दपूर्ण रिश्तों पर प्रकाश डाला। अमरीका किस तरह
आगे बढ़ रहा है उसका उल्लेख भी उन्होंने किया। अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव होनेवाले
हैं इसलिए ट्रंप ने अपने भाषण में इसका भी खयाल रखा। ह्यूस्टन जिस काउंटी में
पड़ता है वहां से ट्रंप पिछली बार हार गये थे। इस क्षेत्र में भारतीयों की संख्या
अधिक है। इसलिए अगर यह कहा जाये कि ट्रंप
के इस कार्यक्रम में आने का एक सबब इन भारतीयों को रिझाना भी रहा हो तो अनुचित
नहीं होगा। वैसे इस कार्यक्रम में ट्रंप को बार-बार नरेंद्र मोदी की तारीफ करते और
‘माई बेस्ट फ्रेंड’कहते सुना गया। उन्होंने एक
बार यह भी कहा कि अगर मोदी बुलायें तो मैं भारत आ सकता हूं। बाद में मोदी ने ट्रंप
को सपरिवार भारत आने का न्यौता भी दे डाला। अपने वक्तव्य में ट्रंप ने भारत और
अमरीका के बीच, रक्षा, व्यवसाय व अन्य क्षेत्र में बढ़ते संबंधों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच निरंतर संबंध और भी प्रगाढ़ होते जा रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने बिना नाम लिये पाक को यह कह कर कड़ा संदेश दे दिया कि –हम भारत
के साथ मिल कर इस्लामिक आतंकवाद से लड़ेंगे। हम अपनी सीमाओं की रक्षा
करेंगे।
इसके बाद ट्रंप ने मोदी का परिचय देते हुए
उनसे अनुरोध किया कि वे वहां उपस्थित भारतीय अमरीकियों की विशाल संख्या को संबोधित
करें।
मोदी के मंच पर माइक संभालते ही 50 हजार की
भीड़ के बीच से ‘मोदी मोदी’ के स्वर से पूरा
स्टेडियम गूंज उठा। भाजपा सरकार की ओर से किये गये कार्यों का मोदी जी ने विवरण
दिया। स्वच्छ भारत अभियान, जन धन योजना, किसान बीमा योजना, आयुष्मान भारत व अपनी सरकार की दूसरी
कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करने के बाद जब उन्होंने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने
का जिक्र किया तो पूरे स्टेडियम में देर तालियों के स्वर गूंजते रहे। मोदी जी ने
कहा कि लोकसभा में हमारा बहुमत है पर राज्यसभा में नहीं है। इसके बावजूद दोनों
सदनों ने 370 को हटाये जाने के पक्ष में मत दिया। इसके बाद उन्होंने लोगों से
अनुरोध किया जिन सदस्यों ने इस महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न कराने में हमारी मदद की
आप लोग खड़े होकर उनका अभिवादन करें। भीड़ ने तुरत उनके अनुरोध का पाल किया। इसके
बाद उन्होंने फिर अनुरोध किया कि आंतकवाद के खिलाफ ट्रंप जिस मनोबल से लड़ रहे हैं
उनका भी अभिवादन खड़े होकर कीजिए। भीड़ ने फिर उनके अनुरोध का पालन किया और
स्टेडियम में देर तक तालियां गूंजती रहीं। इसके बाद पाकिस्तान का नाम लिये बगैर
मोदी ने उस पर कूटनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक कर दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका में 9/11 को न्यूयार्क और 26/11 को मुंबई में हुए आतंकी
हमलों के आतंकवादी कहां से आये थे, कौन इन्हें पालता है यह सारी दुनिया जानती है।
अब आतंकियों और उन्हें पालनेवालों से निर्णायक लड़ाई का वक्त आ गया है। ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम का शीर्षक था।
हाउडी शब्द अमरीका के पश्चिमी राज्यों में प्रयोग किया जाता है जो हाउयूडू (आप
कैसे हैं) का संक्षिप्त रूप है। मोदी ने इसका अर्थ कई भारतीय भाषाओं में बता डाला
जिसके दौरान खूब तालियां पिटीं। उन्होंने अपनी कविता की दो पंक्तियां भी सुनायीं
जो इस तरह हैं-यह जो मुश्किलों का अंबार है। वही तो मेरे हौसलों की मीनार है।
कार्यक्रम के पश्चात ट्रंप और मोदी गले मिले
फिर मोदी ने उनका हाथ पकड़ कर आग्रह किया कि स्टेडियम का चक्कर लगाते हैं.। ट्रंप
ने उनका आग्रह मान लिया और मोदी ने उनका हाथ ऊंचा किया और उनके साथ स्टेडियम का
चक्कर लगाया इस बीच ट्रंप की सुरक्षा में लगे सीक्रेट सर्विस के जवानों और मोदी के
साथ चलनेवाले सुरक्षा कर्मियों की हालत देखते बन रही थी। वे अपने-अपने नेताओं की
सुरक्षा को लेकर चिंतित थे उधर स्टेडियम में उपस्थित लोग इन दोनों की गहरी दोस्ती
देख कर खुश हो रहे थे। इसके पहले अमरीका जैसे सुपर पावर देश के किसी नेता की ऐसी
अतरंगता हमने तो नहीं देखी। अगर यह आपसी हितों के लिए भी है तो भी दोनो देशों के
बीच बढ़ते संबंध प्रशंसनीय हैं।
कार्यक्रम से पहले
मोदी मिले भारतीयों से
हाउडी मोदी
कार्यक्रम शुरू होने से पहले मोदी अमेरिका में रह रहे भारतीयों के अलग-अलग
समुदायों से मिले। इनमें सिख. दाउदी बोहरा, कश्मीरी पंडित आदि थे। सबसे भावुक पल
तब आया जब वे कश्मीरी पंडितों के समूह से मिल रहे थे। वे लोग आर्टिकल 370 हटाये
जाने से बेहद खुश थे। उनमें एक तो इतना भावुक हो गया कि उसकी आंखें भर आयीं और
उसने खुशी से मोदी के हाथ चूम लिये।
ऐतिहासिक कार्यक्रम
एनआरजी स्टेडियम का यह कार्यक्रम कई मायने में
ऐतिहासिक रहा। इसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों दलों को सेनेटर और ह्यूस्टन के मेयर के अलावा अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। मेयर ने मोदी को ‘की आफ ह्यूस्टन’ देकर सम्मानित किया।
यह तय है कि भारत की विपक्षी पार्टियां जिन्हें
नरेंद्र मोदी के अच्छे काम तक से एलर्जी है वे इस कार्यक्रम की भी आलोचना करेंगे।
हमारा उनसे यही अनुरोध है कि कृपया वह यह बताने का कष्ट करें कि क्या कभी अमेरिका
जैसे सुपरपावर में किसी भारतीय प्रधानमंत्री या नेता को इतना सम्मान, इतना आदर
मिला है जब वहां का राष्ट्रपति भी उस कार्यक्रम में आने को राजी हो गया हो जो किसी
विदेशी प्रधानमंत्री के लिए आयोजित किया गया हो। विदेश में पहले भी कई बार मोदी जी
को अच्छा सम्मान और अपार जनसमूह का प्यार मिला है। उस वक्त हमने दिमाग से पैदल कुछ
लोगों को यहां तक कहते सुना था कि मोदी ने उन्हें खरीद लिया। तब ना चाहते हुए
भी हमने उत्तर दिया था-अगर हमारा प्रधानमंत्री 50-60 हजार विदेशियों को खरीदने की
कूवत रखता है तो इस पर भी हमे गर्व है।
विपक्षी नेता भी तो खरीद सकते हैं। वे विदेश जाते हैं तो एक पक्षी भी पास
नहीं आता।
अब इसमें खर्च हुई धनराशि पर भी तरहृ-तरह के कयास
लगाये जायेंगे जबकि यह कार्यक्रम पूरी तरह से प्रवासी भारतीयों का था जो उन्होंने
स्वयं हर्षोल्लास से आयोजित किया था। दरअसल हमारे देश में अभी किसी ना किसी कोने
से तरह-तरह की साजिशें रची जा रही हैं। मोदी की कामयाबी, बढ़ती लोकप्रियता बहुतों
के दिल में नश्तर-सी चुभ रही है। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद तो और
हायतौबा मची है। पहले तो ताना मारते रहे कि दम है तो 370 हटा कर दिखाओ। अब हटा
दिया तो परेशान हैं कि अब कश्मीर में गोली क्यों नहीं चलती, आतंकी हमला क्यों नहीं
होता। वहां शांति है तो अब सबको अचानक वहां के पर्यटन की प्यास लगी है इससे पहले
कश्मीर जाने की ललक नहीं थी। अचानक उभरे इस कश्मीर प्रेम के पीछे क्या है कोई भी
आसानी से समझ सकता है।
जो भी हो मोदी जी ने ह्यूस्टन में लोकप्रियता
के जो झंडे गाड़ दिये हैं उसकी साक्षी सारी दुनिया बनी है। भारत की धमक दुनिया ने
महसूस की। जाहिर है कुछ को अच्छा लगा होगा कुछ की नींद हराम हो गयी होगी।
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Wow such great
ReplyDeleteThanks for sharing such valuable information with us.
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