Wednesday, November 11, 2020

धन पाना है तो करें ये उपाय

राजेश त्रिपाठी


आज दुनिय़ा में ऐसा कौन है जिसे धन की चाह ना हो। धन ऐसी वस्तु है जो जितना भी मिले व्यक्ति को संतोष नहीं होता। उसे और अधिक पाने की चाह बनी  ही रहती है। कुछ लोग लाख कोशिश कर के, परिश्रम कर के भी पर्याप्त धन नहीं पाते और कुछ चालाकी से या होशियारी से आनन-फानन धनवान बन जाते हैं।जिनके पास धन नहीं है उनमें धन की चाह होना स्वाभाविक है लेकिन जिनके पास अकूत धन है उनकी भी धन की प्यास कभी नहीं बुझती। यहां हम कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें अगर श्रद्धापूर्वक शुद्ध मन से किया गया तो धन प्राप्ति की आशा अवश्य ही पूर्ण होगी। इसमें हम विविध प्रकार के उपायों के साथ-साथ लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने वाले श्रीसूक्त के बारे में भी आपको बता रहे हैं।

विष्णु की पूजा करें: भगवान विष्णु को पालनकर्ता माना जाता है। विष्णु का विवाह लक्ष्मी से हुआ  विष्णु ही व्यक्ति को सुख, शांति और समृद्धि देते हैं। विष्णु की पूजा से लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

* विष्णु-लक्ष्मी का बड़ा चित्र घर में लगायें। रोज शालिग्राम की पूजा पंचामृत निवेदन कर के और चंदन लेप कर करनी चाहिए।

* विष्णु-लक्ष्मी के मंदिर में हर शुक्रवार को लाल रंग के फूल अर्पित करें।

* लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने 11 दिनों तक तेल की अखंड ज्योत प्रज्वलित करें। 11वें दिन 11 कन्याओं को भोजन करा उन्हें एक सिक्का दें।

* शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भर कर यदि भगवान विष्णु का अभिषेक किया जाये तो इससे लक्ष्मी जी प्रसन्न हो जाती हैं।

* प्रतिदिन प्रात:काल यह सोच कर कि हमारे घर लक्ष्मी जी आनेवाली हैं घर को स्वच्छ करें और स्नान कर के अगरबत्ती जला कर या हवन कर के घर को सुवासित कर दें। भगवान का पूजन करने के बाद फिर घर की देहली की पूजा करें। देहली के दोनों ओर स्वस्तिक बना कर उसकी पूजा करें। स्वस्तिक के ऊपर चावल की एक छोटी ढेरी लगा कर उसके ऊपर एक-एक सुपारी पर रक्षासूत्र बांधकर रख दें। इस उपाय से धनलाभ होगा।

  ·      गाय को गुड़ खिलाने से भी खुल सकता है किसी का भाग्य। करना यह चाहिए कि सवा 5 किलो आटा और सवा किलो गुड़ ले लीजिए। दोनों को मिला कर रोटियां बना लें। गुरुवार के दिन शाम को गाय को खिलाएं। तीन गुरुवार ऐसा करें गरीबी से मुक्ति मिल सकती है।

·      शुक्रवार के दिन पीले कपड़े में पांच कौड़ी और थोड़ी-सी केसर, चांदी के सिक्के के साथ बांध कर तिजोरी या वहां रख दें जहां आप पैसे रखते हैं। इसके साथ हल्दी की कुछ गांठें भी रख दें। कुछ दिन के बाद ही आपको धन का लाभ हो सकता है।

 ·      हर गुरुवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और माथे पर केसर का तिलक लगाएं। इससे भी धन लाभ की संभावनाएं बढ़ सकती है।

*हर शनिवार को पीपल के पेड़ के ‍नीचे घी का दीपक जलाएं और अगरबत्ती जलाएं। इससे भी धन प्राप्ति की आशा पूरी हो सकती है।

* हर बुधवार को गणेशजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। मंदिर में पांच तरह के फल, गुड़ और चने का दान करें।

* लक्ष्मी जी के चित्र या प्रतिमा पर प्रतिदिन केसर का तिलक लगाएं। इस उपाय से दरिद्रता दूर हो सकती है।

अब हम यह बताते हैं कि किस राशि के व्यक्ति को दरिद्रता दूर करने और धन लाभ के लिए क्या उपाय करना चाहिए।

मेष राशि राशि के व्यक्ति को चाहिए कि- रात में लाल चंदन और केसर घिस कर उससे रंगा हुआ सफेद कपड़ा यदि  अपने गल्ले या तिजोरी में बिछाये तो उससे धन की वृद्धि तो होगी ही अचानक होनेवाली धनहानि का भय भी नहीं रहेगा।

 

. वृषभ राशि  वालों के पास यदि पैसा बचता नहीं तो उनको मां  लक्ष्मी के पूजन के साथ-साथ कमल के फूल का भी पूजन करना चाहिए फिर इस फूल को लाल कपड़े में बांधकर अपने धन रखने के स्थान या तिजोरी में रख देना चाहिए।

 रात को गाय के घी के दो दीपक जलायें उन्हें किसी एकांत स्थान पर रख कर अपनी मनोकामना बतायें आपकी इच्छा अवश्य पूरी होगी।  स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ऐं क्लीं श्रीं

मिथुन राशि वाले यदि धन की कमी से परेशान हैं तो उन्हें लक्ष्मी-गणेश का पूजन करते समय दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करके उसे अपने धन रखने के स्थान पर रख देना चाहिए। अगर ऋण से परेशान हैं तो लक्ष्मी की पूजा के बाद गणेशजी की प्रतिमा को हल्दी की माला पहनाएं। इससे परेशानी दूर हो सकती है।  स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ क्लीं ऐं स:

कर्क राशि राशि वालों की अगर धन प्राप्ति की इच्छा है तो उन्हें शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे तेल का पंचमुखी दीपक जलाना चाहिए। स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ क्ली ऐं श्रीं

सिंह राशि वालों को रात के समय घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जला कर रखना चाहिए। उसमें पर्याप्त घी दें। दीपक सुबह तक जलता रहे तो समझें कि आपकी आर्थिक स्थिति में अवश्य ही सुधार आएगा। स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं श्रीं सौं:

कन्या  वालों को  यदि धन संबंधी कोई समस्या है तो वे लाल रुमाल में नारियल बांध कर अपने गल्ले या तिजोरी में रखें. धन लाभ होगा। इसके साथ ही दो कमलगट्टे की माला लक्ष्मी  मंदिर में दान कर देना चाहिए। नौकरी संबंधी समस्या है तो रोज मीठे चावल कौओं को खिलायें इससे समस्या का समाधान होगा। स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ श्रीं ऐं सौं

तुला राशि वालों को व्यवसाय में घाटा हो रहा है तो वे बरगद  के पेड़ के पत्ते पर सिंदूर व घी से ॐ श्रीं श्रियै नम: मंत्र लिखें और इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए सुबह स्नान आदि नित्य कर्म करने के बाद किसी लक्ष्मी मंदिर में जाकर 11 नारियल अर्पित कर दें।  स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं

वृश्चिक राशिके लोगों को यदि धन की इच्छा है तो वे अपने घर के बगीचे या बरामदे में केले के दो पेड़ लगाएं तथा इनकी देखभाल करें. परंतु इनके फल का सेवन न करें। परिवार में अशांति हो तो नागकेसर का फूल लाकर घर में ऐसी जगह छिपा दें जहां उसे कोई देख न सके। स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ऐं क्लीं सौ:

धनु राशि के लोग धन प्राप्ति के लिए पान के पत्ते पर रोली से श्रीं लिख कर अपने पूजा स्थान पर रखे और प्रतिदिव इसकी पूजा करें। यदि वे किसी बीमारी पीड़ित हैं तो चंद्रमा को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें।  स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं क्लीं सौ:

मकर राशि वालों को यदि रुका हुआ धन ना मिल रहा हो तो उन्हें आक (मदार, अकुंद) की रुई का दीपक घर के ईशान कोण (पूर्व और उत्तर दिशा जहां मिलती हैं) में जलाना चाहिए। स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ऐं क्लीं सौ:

कुंभ राशि वालों की यदि अपने- जीवन साथी से नहीं पटती हो तो वे खीर बना कर उसका भोग लक्ष्मी को लगाएं और फिर स्वयं भी खाएं. इससे दांपत्य जीवन सूखद होगा।  धन प्राप्ति की चाह है तो नारियल के खोल में घी डाल कर लक्ष्मीजी के सामने दीपक जलाएं जिसे रात भर जलता रहना चाहिए।- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं

मीन राशि वालों को अगर शत्रु परेशान कर रहे हों तो कर्पूर के काजल से शत्रु का नाम लिख कर अपने पैर से मिटा दें।  धन लाभ के लिए किसी लक्ष्मी मंदिर में जायें और श्रद्धासहित कमल के फूल, नारियल अर्पित करें और सफेद मिठाई का भोग लगायें। कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं क्लीं सौ:

अगर आप चाहते है आपके घर में हमेशा धन वर्षा होती रहे तो इस शुक्रवार के दिन इन उपायों से आप लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते है। जानिए इन उपायों के बारें में.

कुछ अन्य उपायों के बारे में भी जान लें

·      अक्षय नवमी के दिन सुबह स्नान करते समय आवंले के रस की कुछ बूंदें अपनी स्नान के पानी में डालें। इससे नहानें से माता प्रसन्न होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। इस दिन शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें साथ ही दीए में थोड़ी सी केसर भी डाल दें।

·      शुक्रवार को तीन कुंवारी कन्याओं को घर बुला कर खीर खिलायें तथा पीला वस्त्र व दक्षिणा देकर विदा करें। इससे भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

·      शुक्रवार को श्रीयंत्र का गाय के दूध के अभिषेक करें और अभिषेक का जल पूरे घर में छिंटक दें व श्रीयंत्र को कमलगट्टे के साथ धन स्थान पर रख दें। इससे धन लाभ होने लगेगा। शुक्रवार को गाय की सेवा करें श्यामा गाय मिल जाये तो और अच्छा है। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।

*शुक्रवार के दिन दूध ,दही, घी, शक्कर, रेशमी कपड़े, कपूर आदि का दान देने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

* काली मिर्च के पांच दाने अपने सिर पर से सात बार उतारकर चार दाने चारों दिशाओं में फेंक दें तथा पांचवें दाने को आकाश की ओर उछाल दें। इस उपाय को करने से आकस्मिक धन लाभ होता है।

* जिस घर में प्रतिदिन श्रीसूक्त . लक्ष्मीसूक्त का पाठ होता है, वहां लक्ष्मी अवश्य निवास करती हैं।

श्री लक्ष्मीसूक्तम्‌ पाठ

 पद्मानने पद्मिनि पद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि।

विश्वप्रिये विश्वमनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सन्निधत्स्व॥

 - हे लक्ष्मी देवी! आप कमलमुखी, कमल पुष्प पर विराजमान, कमल-दल के समान नेत्रों वाली, कमल पुष्पों को पसंद करने वाली हैं। सृष्टि के सभी जीव आपकी कृपा की कामना करते हैं। आप सबको मनोनुकूल फल देने वाली हैं। हे देवी! आपके चरण-कमल सदैव मेरे हृदय में स्थित हों।

 पद्मानने पद्मऊरू पद्माक्षी पद्मसम्भवे।

तन्मे भजसिं पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्‌॥

 - हे लक्ष्मी देवी! आपका श्रीमुख, ऊरु भाग, नेत्र आदि कमल के समान हैं। आपकी उत्पत्ति कमल से हुई है। हे कमलनयनी! मैं आपका स्मरण करता हूँ, आप मुझ पर कृपा करें।

 अश्वदायी गोदायी धनदायी महाधने।

धनं मे जुष तां देवि सर्वांकामांश्च देहि मे॥

 - हे देवी! अश्व, गौ, धन आदि देने में आप समर्थ हैं। आप मुझे धन प्रदान करें। हे माता! मेरी सभी कामनाओं को आप पूर्ण करें।

 पुत्र पौत्र धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम्‌।

प्रजानां भवसी माता आयुष्मंतं करोतु मे॥

 - हे देवी! आप सृष्टि के समस्त जीवों की माता हैं। आप मुझे पुत्र-पौत्र, धन-धान्य, हाथी-घोड़े, गौ, बैल, रथ आदि प्रदान करें। आप मुझे दीर्घ-आयुष्य बनाएँ।

 धनमाग्नि धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसु।

धन मिंद्रो बृहस्पतिर्वरुणां धनमस्तु मे॥

 - हे लक्ष्मी! आप मुझे अग्नि, धन, वायु, सूर्य, जल, बृहस्पति, वरुण आदि की कृपा द्वारा धन की प्राप्ति कराएँ।

 वैनतेय सोमं पिव सोमं पिवतु वृत्रहा।

सोमं धनस्य सोमिनो मह्यं ददातु सोमिनः॥

 - हे वैनतेय पुत्र गरुड़! वृत्रासुर के वधकर्ता, इंद्र, आदि समस्त देव जो अमृत पीने वाले हैं, मुझे अमृतयुक्त धन प्रदान करें।

 न क्रोधो न च मात्सर्यं न लोभो नाशुभामतिः।

भवन्ति कृतपुण्यानां भक्तानां सूक्त जापिनाम्‌॥

 - इस सूक्त का पाठ करने वाले की क्रोध, मत्सर, लोभ व अन्य अशुभ कर्मों में वृत्ति नहीं रहती, वे सत्कर्म की ओर प्रेरित होते हैं।

 सरसिजनिलये सरोजहस्ते धवलतरांशुक गंधमाल्यशोभे।

भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरी प्रसीद मह्यम्‌॥

 - हे त्रिभुवनेश्वरी! हे कमलनिवासिनी! आप हाथ में कमल धारण किए रहती हैं। श्वेत, स्वच्छ वस्त्र, चंदन व माला से युक्त हे विष्णुप्रिया देवी! आप सबके मन की जानने वाली हैं। आप मुझ दीन पर कृपा करें।

 विष्णुपत्नीं क्षमां देवीं माधवीं माधवप्रियाम्‌।

लक्ष्मीं प्रियसखीं देवीं नमाम्यच्युतवल्लभाम॥

 - भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी, माधवप्रिया, भगवान अच्युत की प्रेयसी, क्षमा की मूर्ति, लक्ष्मी देवी मैं आपको बारंबार नमन करता हूँ।

 महादेव्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि।

तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्‌॥

 - हम महादेवी लक्ष्मी का स्मरण करते हैं। विष्णुपत्नी लक्ष्मी हम पर कृपा करें, वे देवी हमें सत्कार्यों की ओर प्रवृत्त करें।

 चंद्रप्रभां लक्ष्मीमेशानीं सूर्याभांलक्ष्मीमेश्वरीम्‌।

चंद्र सूर्याग्निसंकाशां श्रिय देवीमुपास्महे॥

 - जो चंद्रमा की आभा के समान शीतल और सूर्य के समान परम तेजोमय हैं उन परमेश्वरी लक्ष्मीजी की हम आराधना करते हैं।

 श्रीर्वर्चस्वमायुष्यमारोग्यमाभिधाच्छ्रोभमानं महीयते।

धान्य धनं पशु बहु पुत्रलाभम्‌ सत्संवत्सरं दीर्घमायुः॥

 - इस लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से व्यक्ति श्री, तेज, आयु, स्वास्थ्य से युक्त होकर शोभायमान रहता है। वह धन-धान्य व पशु धन सम्पन्न, पुत्रवान होकर दीर्घायु होता है

 -जिस प्रकार हनुमानजी का श्रृंगार सिंदूर से किया जाता है, उसी प्रकार गणेशजी को सिंदूर चढ़ाने से जीवन की सभी कठिनाइयां दूर होती हैं। गणेशजी को सिंदूर चाढ़ाते समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए

सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।

शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्।।

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