आत्मकथा-62
जब मैं पत्र पढ़ चुका तो उदयन
जी ने पूछा-पंडित क्या कहते हो?
उदयन जी बोले-नहीं वेतन के बगैर यहां काम नहीं कराया जाता। क्या करें
बुला लेते हैं।
मैने काह-जी बुला लीजिए पंडित जी।
इसके बाद डाक्टर ने कहा –उन बच्चों की देखभाल कौन करेगा।
भैया मेरे साथ बाहर निकल
आये। मैंने कहा कि कष्ट में भले हूं मगर मैं जिंदा हूं आप रोइए मत।
लड़की भैया को गौर से देखा तो
समझा की वे बहुत दुखी और चिंतित दिख रहे थे।
उस लड़की ने कहा कि-हमारे
यहां बेरियम एक्सरे होता है पहले आप बताइए बात क्या है।
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