हरिवंश जी के नेतृत्व में नयी विधा में काम
मैंने
इनका धन्यवाद किया और कहा- रुपया मैं कल दे दूंगा।
वे बोले –जब
सुविधा हो दे दीजिएगा।
हरिवंश जी
वेबसाइट एक तरह से पूरी तरह खाली थी। बस उसका
होमपेज बना था और जो विषय उसमें होने थे उनके लिंक होम पेज में थे। होमपेज में
जितने लिंक थे उनमें करेंट न्यूज के अतिरिक्त करेंट अफेयर,घटना,दुर्घटना, तीज, त्योहार,धर्म संस्कृति और विविध स्तंभ। हमारे
लिए यह शून्य से शुरू करने जैसी स्थिति थी। चुनौती बड़ी थी लेकिन पहले दिन से मैं
और झा जी काम में जुट गये। (क्रमश:)
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