इंडियन एक्सप्रेस के हिंदी दैनिक जनसत्ता की नौकरी से मुक्त होकर मैं
पूरी तरह से प्रभात खबर कू वेवसाईट के
लिए समर्पित हो गया। वहां एक तरह शून्य से
शुरू करना था। हमारे पास अगर कुछ था तो वह एक ढांचा था जिसमें अलग अलग विभाग थे जो
खाली थे। मेरा और मेरे साथी वाई एन झा ने पहले ही कुछ ना कुछ सामग्री डाल दी थी।
यह वर्ल्ड वाइड वेव प्लेटफार्म था जिसकी पहुंच पूरे विश्व तक थी। हमारे पाठक देश
में तो थी फोकस विदेश में बसे उन लाखों करोड़ों प्रवासियों पर भी था जो अपनी धरती
से दूर थे और उसके सुख दुख तीज त्योहार से सीधे नहीं जुड़ पाते थे। हमारी कोशिश यह
होती थी कि हम इन त्योहारों के बारे में विस्तृत सचित्र जानकारी दें। इसका परिणाम
भी हमारे सामने जल्द आ गया। विदेश में रह रहे अनेक प्रवासी भारतीयों के ईमेल का
तांता लग गया। उनमें सभी का आशय यही होता कि आपका बहुत बहुत आभार। आपकी वेबसाइट ने
देश से दूर रहते हुए भी हमें अपने तीज
त्योहारों से जोड़ दिया।हमारे कार्यालय में प्रिंट मीडिया यानी प्रभात खबरऔर वेव
एडीशन डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाटकाम के बीच अच्छा तालमेल था। हमें कोई महत्वपूर्ण
खबर मिलती तो हम प्रिंट मीडिया से जुड़े सदस्यों तक भेज देते और वे भी हमारे साथ ऐसा ही करते थे। इस तरह काम
सुचारु रूप से चल रहा था नयी वेवसाइट का दायरा देश विदेश में बढ़ता ही जा रहा था और
उसके साथ ही हमारा उत्साह भी। (क्रमश;)
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